• Jagjit Singh

    याद नहीं क्या क्या • saher

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Original lyrics

याद नहीं क्या क्या lyrics

याद नहीं क्या क्या देखा था
सारे मंज़र भूल गए
उस की गलियों से जब लौटे
अपना भी घर भूल गए
 
ख़ूब गए परदेस के अपने
दीवार-ओ-दर भूल गए
शीश-महल ने ऐसा घेरा
मिट्टी के घर भूल गए
उस की गलियों से जब लौटे
अपना भी घर भूल गए
 
तुझको भी जब अपनी कसमें
अपने वादे याद नहीं
हम भी अपने ख़्वाब तेरी
आँखों में रख कर भूल गए
उस की गलियों से जब लौटे
अपना भी घर भूल गए
 
मुझको जिन्होंने क़त्ल किया है
कोई उन्हें बतलाये 'नज़ीर'
मेरी लाश के पहलू में
वो अपना ख़ंजर भूल गए
उस की गलियों से जब लौटे
अपना भी घर भूल गए
 

 

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