• Kishore Kumar

    शीशे की उम्र प्याल की

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शीशे की उम्र प्याल की आख़िर बिसात क्या
टूटा जो दिल किसी का तो हैरत की बात क्या
 
हम अपने लिए जीते है हुमको जहाँ से क्या
हम खून जिगर पीते है हुमको जहाँ से क्या
एक रात की होती है शमा इसकी हयात क्या
 
भूल जा कसमे तोड़ दे वादे ना बदले किसने यहाँ इरादे
हुस्न भी झूठा प्यार भी झूठा वफ़ा भी झूठी यार भी झूठा
 
रही ये दुनिया किसकी होकर
मार दे दुनिया को तू ठोकर
खुद का नही है भरोसा कोई दुनिया का साथ क्या
 
रोने से कहीं अच्छा है तू गा ले झूम के
फूलों का जला दे सीना तू काँटों को चूम ले
हम दीवाने है; दीवानो का दिन क्या है रात क्या.
 

 

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