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शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं
नसीब में नहीं था जो हमको मिला नहीं
शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं
नसीब में नहीं था जो हमको मिला नहीं
तू मिल सका न हमको, तसल्ली तो मिल गई
आई बहार, शाख़ पे कली भी खिल गई
अरमान था हमको जिसका, वो गुल खिला नहीं
नसीब में नहीं था जो हमको मिला नहीं
यादों की झिलमिलाती परछाइयों के दिन
कटते नहीं हैं तन्हा तन्हाइयों के दिन
है चाहतों का दिलकश अब सिलसिला नहीं
नसीब में नहीं था जो हमको मिला नहीं
शिकवा नहीं किसी से, किसी से गिला नहीं
नसीब में नहीं था जो हमको मिला नहीं
Comments
Skribbl
mikistli
Don Juan




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