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आजा जान-ए-जान, मेरे मेहरबां
नैनों का कजरा बुलाये, दिल का ये अचरा बुलाये
बाहों का गजरा बुलाये
जब से गया तू घर से, मेरी मोहब्बत तरसे
पलकों से सावन बरसे, चंदा ना गुज़रे इधर से
हर साँस दिल को दुखाये, ज़ख़्मों ने आँसू बहाये
घुँगरू में नग्मा तुम्हारा, आँखों में जलवा तुम्हारा
फूलों में मुखड़ा तुम्हारा, तारों में हँसना तुम्हारा
मेरी नज़र ललचाये, होठों से निकले हाये
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LT
Velsket
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