रफ़ू (Rafu)

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Original lyrics

रफ़ू

कैसे कैसे धागों से बुनी है यह दुनिया
हाँ, कैसे कैसे धागों से बुनी है यह दुनिया
कभी धूप कभी बादलों की यह लड़ियाँ
 
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
 
कैसे कैसे धागों से बुनी है यह दुनिया
कभी धूप कभी बादलों की यह लड़ियाँ
 
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
 
हाँ, तेरी बनी राहें, मेरी थीं दीवारें
तेरी बनी राहें, मेरी थीं दीवारें
उन दीवारों पे ही मैंने लिख ली बहारें
 
शाम हुई, तू जो आया, सो गई थीं कलियाँ
फिर शाम हुई, तू जो आया, सो गई थीं कलियाँ
 
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
 
रे मा प नि ध प मा प ग म प
ध प ग म प ग म रे स नि रे
हम्म ग म प ग म रे स नि रे स
 
यूँ सीते सीते मीलों की बन गई कहानी
यूँ सीते सीते मीलों की बन गई कहानी
कुछ तेरे हाथों से, कुछ मेरी ज़ुबानी
अब जो भी है, यह आधा पौना है तो रंगरलियाँ
अब जो भी है, यह आधा पौना है तो रंगरलियाँ
 
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
 
हाँ, कैसे कैसे धागों से बुनी है यह दुनिया
कभी धूप कभी बादलों की यह लड़ियाँ
 
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
कुछ तूने सी है, मैंने की हैं रफ़ू यह डोरियाँ
 
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