• Mohit Chauhan

    तुझे भुला दिया

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नैना लगेयां बारिशां
ते सूखे सूखे सपने वी पिज्ज गए
नैना लगेयां बारिशां
रोवे पलकां दे कोने विच नींद मेरी
नैना लगेयां बारिशां
हंजू दिगदे ने चोट लगे दिल ते
नैना लगेयां बारिशां
रुत बिरहा दे बादलां दी छा गई
 
काली काली खाली रातों से होने लगी है दोस्ती
खोया खोया इन राहों में अब मेरा कुछ भी नहीं
हर पल हर लम्हा मैं कैसे सहता हूँ
हर पल हर लम्हा मैं खुद से ये कहता रहता हूँ
तुझे भुला दिया ओ
फिर क्यों तेरी यादों ने
मुझे रुला दिया
 
तेरी यादों में लिखे जो लफ्ज़ देते हैं सुनाई
बीते लम्हे पूछते हैं क्यों हुए ऐसे जुदा
ख़ुदा, ख़ुदा मिला जो ये फ़ासला है
ख़ुदा तेरा ही ये फैसला है
ख़ुदा होना था वो हो गया जो तूने था लिखा
 
दो पल तुझसे जुदा था
ऐसे फिर रास्ता मुड़ा था
तुझसे मैं खोने लगा जुदा जैसे होने लगा
मुझसे कुछ मेरा
तू ही मेरी लिए अब कर दुआ
तू ही इस दर्द से कर दे जुदा
तेरा होकर तेरा जो मैं ना रहा
मैं ये खुद से कहता हूँ
 
तुझे भुला दिया ओ
फिर क्यों तेरी यादों ने
मुझे रुला दिया
 
तू नहीं तो, इन लबों पे इक शिक़ायत रह गई है
दूर ही जब करना था तो पास क्यों लाया बताह
ख़ुदा कभी तुझे भी तो प्यार होगा
ख़ुदा जुदा तेरा यार होगा
ख़ुदा जानेगा तू फ़ासलों का है ये दर्द क्या
 

 

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